जबलपुर। लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश मधुसूदन मिश्रा की अदालत ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किए गए प्राचार्य एसके श्रीवास्तव को 4 साल के सश्रम कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। खास बात यह रही कि शिकायतकर्ता शिक्षक राधेश्याम लड़िया आरोपी के दबाव के चलते अदालत में अपने पूर्व बयान से मुकर गया। इसके बावजूद दोषसिद्ध पाकर सजा सुना दी गई।
अभियोजन की ओर से डीपीओ अनुपम पाठक ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आरोपी ने पाटन में पदस्थ शिक्षक राधेश्याम लड़िया से 2 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। यह राशि 2 माह के रुके हुए वेतन और एरियर राशि स्वीकृत किए जाने के नाम पर मांगी जा रही थी। जब लोकायुक्त को शिकायत मिली तो इंस्पेक्टर प्रभात शुक्ला सहित अन्य ने दबिश देकर रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। 19 दिसम्बर 2014 को गिरफ्तारी के बाद अदालत में चालान पेश किया गया। खास बात यह रही कि अदालत ने एक साल से कम अवधि में ट्रायल पूरी करके सजा सुना दी।