![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgL5NOMX3pZauc5NKAbJNHnM6ZlINAHajnlAJPpRtt-ToFiqtEO6sHSSM26kKFa5KmeRE4uYi6y3JIWkZhaxtjcdxWQ0o459AQY4SbreqJ_vNZlzaYYJVgUDeUNPHFji0K0gmNFF6pCrcI/s1600/55.png)
न्यायमूर्ति संजय यादव की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के महामंत्री एचपी उरमलिया की ओर से अधिवक्ता संजय अग्रवाल ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि राज्य के लगभग ढ़ाई लाख पेंशनर्स लंबे समय से परेशान हैं। अपनी मांग को लेकर वे आंदोलित तक हो चुके हैं, इसके बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला। इसीलिए न्यायहित में हाईकोर्ट आना पड़ा। हाईकोर्ट ने प्रारंभिक बिन्दुओं पर गौर करने के बाद राज्य को नोटिस जारी कर दिए। जिसका जवाब आने पर अगली सुनवाई 9 मई को होगी। बहस के दौरान बताया गया कि पेंशनर्स को 1 जनवरी 2006 से 31 अगस्त 2008 की अवधि का एरियर्स नहीं मिला है।