मप्र में मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी मात्र 8 रुपए बढ़ाई, विधायकों के 40 हजार बढ़े थे

भोपाल। एमपी में कुछ दिनों पहले ही शिवराज सिंह कैबिनेट ने मंत्रियों और विधायकों के अलावा मुख्यमंत्री के वेतन बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। जिसमें हजारों रुपए की वेतन वृद्धि की गई लेकिन दूसरी ओर मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के दैनिक मजदूरी में इजाफा के नाम पर महज आठ रुपए बढ़ाए गए हैं।

जानकारी के मुताबिक, मनरेगा में इस साल मध्यप्रदेश सरकार ने महज आठ रुपए की बढ़ोतरी करते हुए मजदूरों के दैनिक वेतन 167 रुपए कर दिया है। मजदूरों को बढ़ी हुई मजदूरी देने के ये निर्देश एक अप्रैल 2016 से लागू कर दिए गए हैं। जिसकी अधिसूचना भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जारी की है।

गौरतलब है कि प्रदेश में एक अप्रैल, 2015 से अकुशल श्रमिकों को 159 रुपए एक दिन के हिसाब से दिए जा रहे थे। जिसे एक अप्रैल 2016 से बढ़ा कर 167 कर दिया गया है। यानी मध्यप्रदेश में मनरेगा में काम करने वाले किसी मजदूर को साल में सौ दिन की मजदूरी के तहत सिर्फ 800 रुपए ही ज्यादा मिलेंगे।

सबसे कम मजदूरी देने वालो में एमपी
मनरेगा में सबसे कम मजदूरी देने वालों राज्यों में मध्यप्रदेश का नाम भी शुमार है। इस साल पुरानी मनरेगा मजदूरी में महज आठ रुपए की बढ़ोतरी करते हुए मध्यप्रदेश सबसे कम मजदूरी देने वाले राज्यों में दूसरे नंबर पर आ गया है। जबकि, पड़ोसी राज्य गुजरात में मनरेगा के तहत मजदूरों को 188 रुपए, राजस्थान में 181 रुपए, उत्तरप्रदेश और ओड़िशा में 174 रुपए दिए जाते हैं। हरियाणा में ये राशि सबसे ज्यादा 259 रुपए और चंडीगढ़ में 248 रुपए है। गोवा जैसे छोटे राज्य में भी मजदूरों को 229 रुपए प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी दी जाती है।

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