8वीं तक के छात्रों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें मिलेंगी

भोपाल। राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टर को अगले शिक्षा सत्र में कक्षा एक से आठवीं तक की प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें वितरित करवाने के निर्देश दिये हैं। शासन ने पंजीकृत मदरसों और संस्कृत शालाओं में अध्ययनरत ऐसे विद्यार्थी, जो शाला में दर्ज नहीं हैं, उन्हें भी पुस्तकें वितरित करवाने को कहा है।

पुस्तकों के वितरण के पहले पाठ्य-पुस्तक निगम 30 अप्रैल तक विकासखण्डों को पुस्तकें प्रदाय करेगा। संबंधित ब्लॉक रिसोर्स सेंटर क्षेत्रीय डिपो के सम्पर्क में रहकर पुस्तकें प्राप्त करेंगे। पिछले साल की शेष बची पुस्तकों में शुद्धि-पत्र लगाकर जन-शिक्षा केन्द्रों में वितरण के लिये भेजा जायेगा। पुस्तकों के कवर पेज पर 'शिक्षा सत्र 2016-17 के लिये अधिकृत'' की सील लगायी जायेगी। विकासखण्ड-स्तर पर पुस्तकों का भण्डारण कक्षा एवं विषयवार होगा। पुस्तकों का रिकार्ड संधारित करने के लिये रजिस्टर रखा जायेगा, जिसमें पुस्तकों की प्राप्ति से लेकर प्रदाय किये जाने तक की जानकारी रहेगी।

विकासखण्ड-स्तर पर पुस्तकें प्राप्त होते ही एजुकेशन पोर्टल पर उसकी एन्ट्री की जायेगी। अतिरिक्त पुस्तकों की माँग होने पर पोर्टल से उसकी पूर्ति करवानी होगी। पुस्तकों के वितरण की जानकारी भी पोर्टल पर दर्ज होगी, जिसका दायित्व जिला परियोजना समन्वयक, जिला प्रोग्रामर और विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक का होगा। विकासखण्ड से जन-शिक्षा केन्द्र तक पुस्तकें पहुँचाने के लिये निविदा का प्रकाशन 16 अप्रैल तक किया जायेगा। पुस्तक पहुँचाने के लिये इस प्रकार रूट चार्ट तैयार होगा, जिससे कार्यालयीन समय में पुस्तकें पहुँच जायें। जन-शिक्षा केन्द्र पर 25 अप्रैल को शालाओं की बैठक कर पुस्तकें प्रभारी शिक्षक/प्रधान अध्यापक को उपलब्ध करवायी जायेंगी। पुस्तकें विद्यालय में पहुँचने के बाद उसका व्यवस्थित भण्डारण तथा निर्धारित समयावधि में वितरण होगा।

मराठी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों को भाषा विषय की कक्षा-1 से 4 तक की पुस्तकें भी उपलब्ध करवायी जायेंगी। मदरसों में पर्यावरण अध्ययन और सामाजिक विज्ञान की पुस्तकें उर्दू माध्यम में तथा हिन्दी, गणित एवं विज्ञान की पुस्तकें हिन्दी माध्यम में वितरित करवायी जायेंगी। साथ ही अंग्रेजी की पुस्तकों का वितरण भी होगा। वितरित होने वाली पुस्तकों में से 90 प्रतिशत पुस्तकें सीधे शालाओं को दी जायेंगी। स्टॉक में 10 प्रतिशत पुस्तकें रखी जायेंगी। पुस्तकों का वितरण शाला-स्तर पर निर्धारित तिथियों में शाला प्रबंध समिति द्वारा बैठक अथवा प्रवेशोत्सव के दौरान किया जायेगा। इसके लिये जन-प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जायेगा। जिन विकासखण्ड में एबीएल कार्यक्रम संचालित है, वहाँ शालाओं में संबंधित सामग्री का वितरण होगा। डीपीसी और अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे प्रतिदिन पुस्तक वितरण की जानकारी ई-मेल द्वारा राज्य शिक्षा केन्द्र को भेजें।

शासन ने पुस्तकों का वितरण निर्धारित समय-सीमा के अंदर करने, प्राप्त एवं वितरित पुस्तकों का भौतिक सत्यापन करवाने के निर्देश दिये हैं। जिलों को प्रति सप्ताह पुस्तक वितरण कार्य की समीक्षा कर उसकी प्रगति से अवगत करवाने को भी कहा गया है।

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