इंदौर। 9 अप्रैल को मुंबई में होने वाले फेमिना मिस इंडिया के फाइनल में इंदौर की जोया मिर्जा भी अपनी खूबसूरती का जलवा बिखेरेंगी। मिस इंडिया 2016 के फाइनल राउंड तक पहुंचने के लिए जोया 18 शहरों की 15 हजार प्रतिभागियों में से टॉप-21 तक पहुंची हैं। जोया को उम्मीद है कि भाग्य और काबिलियत मिलकर जरूर उसे खिताब दिलाएंगे।
रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार की बेटी है जोया
एक रूढ़िवादी मुस्लिम परिवार जहां महिलाओं को पढ़ने-लिखने और नौकरी करने की इजाजत भी बमुश्किल मिलती है वहां जोया ने यह मुकाम हासिल किया है। जोया की अम्मी भी उसके इस प्रोफेशन के खिलाफ थीं। मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार की बेटी ग्लैमर जगत की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के ताज के इतने करीब पहुंच चुकी हैं। जोया के पिता जफर मिर्जा माइनिंग अफसर हैं और मां फरहा मिर्जा हाउसवाइफ हैं।
अम्मी ने कहा था इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता
जोया बताती हैं, 'अधिकतर मुस्लिम लड़कियों की तरह मैं भी गर्ल्स स्कूल से पढ़ी हूं। सेंट रफेल्स से पढ़ाई के बाद मैंने डीएवीवी स्कूल ऑफ जर्नलिज्म से ग्रैजुएशन किया। चूंकि मेरी हाइट अच्छी थी तो स्कूल फ्रेंड्स और जानने-पहचानने वाले मुझे मॉडलिंग और इस कॉम्पिटीशन में जाने को कहते थे। मैंने अम्मी से पूछा। उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि इस्लाम इसकी इजाजत नहीं देता। यह सब इस घर में नहीं चलेगा।'
एक्टिंग क्लास गई और पत्रकारिता भी की
पेरेंट्स को मनाने के साथ उन्होंने खुद को ग्रूम करने का सिलसिला जारी रखा। उन्हें एक्टिंग का भी शौक था तो इंदौर में एक्टिंग कोर्स किया। फिर तकरीबन एक साल तक शहर के न्यूज चैनल्स में एंकरिंग की। कुछ प्रिंट ऐड किए। उनके पापा ने सपोर्ट किया। फिर अम्मी ने भी उनके जुनून को समझा।