
प्रधानमंत्री के आने तक सहत्रबुद्धे प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के साथ मंच पर मौजूद थे, लेकिन पीएम के आने के बाद वे नीचे क्यों आ गए, इस पर कयास लगाए जाते रहे। भाजपा सूत्रों के अनुसार मंच पर बैठने वालों की सूची में उनका नाम ही नहीं था। बाद में इस पर भी चर्चा होती रही कि प्रदेश प्रभारी का नाम कैसे रह गया। राष्ट्रीय महासचिव और महू विधायक कैलाश विजयवर्गीय का मंच पर पिछली पंक्ति में बैठना भी कौतुहल का विषय रहा। प्रधानमंत्री के आने के पहले ही प्रदेश अध्यक्ष चौहान, मंत्री लालसिंह आर्य और बाद में मुख्यमंत्री ने उन्हें आगे आने के लिए कहा लेकिन वे अगली पंक्ति में नहीं आए।
प्रदेश सरकार के चार मंत्रियों ज्ञानसिंह, गोपाल भार्गव, गौरीशंकर शेजवार और लालसिंह आर्य को प्रधानमंत्री के साथ मंच पर बैठने का मौका मिला, जबकि अन्य मंत्री मंच के सामने बैठकर भाषण सुनते रहे।