उत्तराखंड की सियासत में गुरुवार का दिन काफी अहम माना जा रहा था, लेकिन कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख दे दी है। कोर्ट नें केंद्र सरकार को 12 अप्रैल तक जवाब देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र को चेताते हुए कहा कि प्रोसीडिंग्स के दौरान केंद्र का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।
हाईकोर्ट ने केंद्र को चेताते हुए कहा कि वह किसी भी तरह की मनमानी न करें और 18 अप्रैल तक कोई गड़बड़ी हुई तो कोर्ट धारा-356 (राष्ट्रपति शासन) को भी हटा सकती है। हाईकोर्ट में हरीश रावत का पक्ष रख रहे जाने माने अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पहले अपनी दलील रखी। बुधवार को भी सिंघवी ने साढ़े 3 घंटे लगातार कोर्ट में दलील की थी। सुनवाई के बाद हाइकोर्ट में हरीश रावत की तरफ से एक नई याचिका दी गई है, जिसमें हरीश रावत ने मांग की है कि फ्लोर टेस्ट के लिए पहले उन्हें मौका दिया जाना चाहिए न कि भाजपा को।