आरिफा एविस। देखो भाई बात एकदम साफ है, क्रिकेट ज्यादा जरूरी है या खेती-किसानी? जाहिर है क्रिकेट ही ज्यादा जरूरी है क्योंकि ये तो राष्ट्रीय महत्व का खेल बन चुका है जो हमारे देश की आन बान शान है। यह सिर्फ देशभक्ति पैदा करने के लिए खेला जाता है। महानायक से लेकर नायक तक सिर्फ देश के लिए बिके हैं, कम्पनी के लिए नहीं। देश के लिए बिकना हर किसी के बस की बात नहीं। जिसकी कीमत होती है वही तो बिक सकता है। बिके हुए देश भक्त ही सरकार की तमाम समस्याओं का एक मात्र समाधान हैं जब देश आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक समस्या में फंसे तभी मैच करा देने से समस्या का समाधान हो जाता है।
जब देशभक्ति की बात हो तो बाकी सब मुद्दे एक दम छोटे हो जाते हैं। क्रिकेट देशभक्ति का उच्चतम प्रतीक है तो हमें पानी खेतों को देना चाहिए या क्रिकेट मैदान को ठीक करने के लिए? देशभक्ति के लिए पहले भी जाने कितने नौजवानों, किसानों ने अपनी जान तक दी थी। अगर देशभक्ति के लिए किसानों को पानी नहीं मिला तो ज्यादा से ज्यादा क्या होगा? कुछ किसान बदहाल हो जायेंगे, कुछ आत्महत्या कर लेंगे, वैसे भी इस साल 2 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। देशभक्ति की खातिर अगर किसान इतना सा भी त्याग नहीं कर सकते तो लानत है जय जवान जय किसान कहने पर।