नईदिल्ली। भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या का जैसे-जैसे कद और पद बढ़ा, उन पर मुकदमे भी लदते गए। इनमें साजिश, लूट, दंगा भड़काने, धार्मिक स्थल तोड़ने, धोखाधड़ी, कूट रचना समेत तमाम संगीन धाराओं में उन पर मुकदमा दर्ज है। इनमें सबसे अधिक दंगा भड़काने का है। इलाहाबाद और कौशांबी के विभिन्न थानों में कुल दस एफआईआर दर्ज है।
केशव प्रसाद के खिलाफ सबसे पहले 1996 में कौशांबी के पश्चिम शरीरा थाने में दंगा भड़काने, सरकारी काम में बाधा, पुलिस पर हमला, बलवा और 7 सीएलए के तहत एफआईआर हुई। इसके बाद ठीक दो साल बाद इलाहाबाद के कर्नलगंज थाने में बलवा, धमकी, पुलिस पर हमला, सरकारी काम में बाधा, तोड़फोड़, 7 सीएलए के तहत मुकदमा लिखा गया।
2008 में कौशांबी के मोहम्मदपुर पइंसा थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट लिखी गई। इसी घटना के साथ एक अन्य मुकदमा लिखा गया है जिसमें केशव पर मोहम्मदपुर पइंसा थाने में ही धार्मिक स्थल तोड़ने, बलवा, दंगा भड़काने की एफआईआर दर्ज हुई है। 2011 में आगामी विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही केशव दोबारा सक्रिय हुए।