ग्वालियर। बाबूजगजीवनराम की प्रतिमा अनावरण समारोह के आमंत्रण पत्र पर भाजपा जिलाध्यक्ष का नाम नहीं था। यहां तक कि उन्हे इनवाइट भी नहीं किया गया। गुस्साए जिलाध्यक्ष समारोह में पहुंचे और आयुक्त से भिड़ गए। आयुक्त ने इस मामले में उन्हें महापौर से बात करने को कह दिया। आयुक्त स्वयं को मामले से अलग करते हुए मंच के पास कुर्सी पर बैठ गए।
इसलिए नाराज थे जिलाध्यक्ष
सूत्रों के मुताबिक आयोजन को लेकर कार्ड का जो प्रारूप तय किया गया था, उसमें देवेश शर्मा का नाम था। प्रूफ पढ़े जाने के दौरान उनका नाम हटवा दिया गया। यहां तक कि उन्हें आमंत्रण-पत्र तक नहीं दिया। सुबह 10.15 बजे खुद देवेश ने महापौर से आयोजन को लेकर जानकारी मांगी। बताया कि उनके पास तो कार्ड तक नहीं आया है। महापौर के निर्देश पर 11 बजे से शुरू होने वाले इस आयोजन के लिए पीआरओ ने फोन पर उन्हें आमंत्रित किया।
महापौर ने भी साधी चुप्पी
देवेश शर्मा ने महापौर से पूछा कि आखिर यह आयोजन है किसका? यदि सिर्फ निगम का आयोजन है तो फिर उन्हें मोबाइल से भी निमंत्रण देने के कोई मायने नहीं है। मौके की नजाकत भांप महापौर बैकफुट पर आए। बोले कहां चूक हुई वह पता करेंगे।
तोमर के कहने पर चढ़े मंच पर
देवेश शर्मा को कार्यक्रम का संचालन कर रहे अपर आयुक्त एमएल दौलतानी ने मंच पर आमंत्रित किया। देवेश मंच पर जाने को तैयार नहीं हुए। यह देख केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने उन्हें मंच पर बुलाया। देवेश ने मंच पर उनके बगल में बैठकर पूरे मामले की जानकारी भी दी। माया सिंह को भी पूरा घटनाक्रम बताया।