
अमरेली की सिविल अस्पताल की डॉक्टर भीमजी दाभी की जनवरी, 2013 में तब पिटाई कर दी गई थी जब उन्होंने कथित रूप से भाजपा की महिला नेता मधुबेन जोशी के 23 वर्षीय बेटे रवि जोशी का इलाज करने से इनकार कर दिया था।
जब डॉक्टर दाभी ने जोशी और उनके बेटे को अस्पताल से बाहर जाने के लिए कह दिया तो बात बढ़ गई और उन्होंने कछाड़िया को बुला लिया। बताया जाता है कि कछाड़िया अपने समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंचे तो महिला डॉक्टर ने उन्हें भी खरीखोटी सुना दीं। इसी दौरान विवाद हो गया। इसके विरोध में अस्पताल के कर्मचारी तत्काल हड़ताल पर चले गए थे। बाद में सांसद समेत 15 लोगों के खिलाफ पुलिस ने शिकायत दर्ज की थी।
इस मामले में अजीब बात यह है कि आॅनड्यूटी होते हुए इलाज से इंकार करने वाली महिला डॉक्टर के खिलाफ ना तो कोई प्रकरण दर्ज हुआ और ना ही विभागीय कार्रवाई। जबकि गुजरात में भाजपा की सरकार थी।