नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारी जल्दी ही पेंशन फंड में अपने योगदान का 50 फीसद शेयर बाजार में निवेश कर सकेंगे। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन हेमंत कांट्रेक्टर ने बताया कि इस संबंध में उनकी ओर से एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। कर्मचारियों को ऐसा विकल्प देने पर सरकार विचार कर रही है। फिलहाल पेंशन फंड में अंशदान का 15 फीसद हिस्सा शेयरों में लगाया जा सकता है।
कांट्रेक्टर ने कहा कि पीएफआरडीए सरकार पर इस बात का दबाव बना रहा है कि अंशदान करने वाले कर्मचारी खुद ही अपना पेंशन फंड मैनेजर चुन सकें। फिलहाल सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में ऐसा कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। अभी इस स्कीम में 45-46 लाख सरकारी कर्मचारी अंशदान कर रहे हैं।
कुल पेंशन फंड सब्सक्राइबर्स के लिहाज से उनकी 44 फीसद हिस्सेदारी है। पेंशन फंड रेगुलेटर ऐसे दिशानिर्देश ला सकता है जिसके तहत सरकारी पेंशन की रकम का दो फीसद हिस्सा अल्टरनेटिव इंवेस्टमेंट फंड (एआइएफ) में जाए। निजी पेंशन के मामले में पहले से ही ऐसी व्यवस्था है।
1,18,000 नए अंशदाता जुड़े
कांट्रेक्टर के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान एनपीएस में एक लाख 18 हजार अंशदाता जुड़े। यह आंकड़ा इससे पहले के चार वर्षों के दौरान जुड़े कुल सब्सक्राइब की संख्या से ज्यादा है। उस दौरान सिर्फ 87,000 अंशदाता इस स्कीम में शामिल हुए थे।
माइक्रो पेंशन स्कीम मानी जाने वाली अटल पेंशन योजना से अगले वित्त वर्ष के दौरान 60-70 लाख नए सब्सक्राइबर जुड़ने की उम्मीद है। यह योजना असंगठित क्षेत्र के लिए है। इसलिए इसकी अंतिम सीमा एक साल के लिए और बढ़ाई जानी चाहिए।