
पुलिस के मुताबिक़ मारे गए टेलर को साल 2012 में इस्लाम के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बातें करने पर हिरासत में लिया गया था और फिर छोड़ दिया गया। बांग्लादेश में बीते कुछ दिनों में इस तरह की कई हत्याएं हुई हैं और कट्टर इस्लामी चरमपंथियों ने इनकी ज़िम्मेदारी ली है। इसी माह राज़धानी ढाका में समलैंगिकों की पत्रिका के एक वरिष्ठ संपादक जुलहास मन्नान की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। उसके दो दिन पहले ही राजशाही यूनिवर्सिटी के एक प्रोफ़ेसर की भी हत्या कर दी गई थी।