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व्यापमं घोटाला: अंबेडकर यूनिवर्सिटी से जारी हुईं थीं फर्जी मार्कशीट

भोपाल। देशभर में शिवराज सरकार को बदनाम कर देने वाले व्यापमं घोटाले का कनेक्शन उत्तरप्रदेश आगरा स्थित अंबेडकर विश्वविद्यालय से जुड़ रहा है। बीई, एमबीए, बीए, बीएससी, बीकॉम सहित तमाम प्रकार की फर्जी मार्कशीट इस यूनिवर्सिटी से जारी हुईं। इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने फर्जी मार्कशीटों का सत्यापन भी कर डाला। बीएड फर्जीवाड़े की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआइटी) ने घोटाले में विवि की फर्जी मार्कशीट पकड़ी है। एसआइटी ने दो दर्जन कर्मचारी चिन्हित किए हैं, इन्हें गिरफ्तार करने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।

विवि के बीएड फर्जीवाड़े की जांच एसआइटी कर रही है। फर्जीवाड़े की कड़ी से कड़ी जोड़कर सुबूत एकत्र कर रहे दल ने पिछले 10 सालों के सत्यापन के केस की जांच की। रिकॉर्ड रूम के रिकॉर्ड में जिन मार्कशीट का सत्यापन किया गया था, उनका संबंधित विभाग और चार्ट रूम से पुनर्सत्यापन कराया गया।

इसमें बीई, एमबीए, बीए, बीएससी, बीकॉम की फर्जी मार्कशीट पकड़ी गईं। इस पर टीम ने जांच तेज कर दी। सत्यापन के लिए विवि में आए मूल पत्रों को खंगाला गया। सूत्रों के मुताबिक, इनकी पड़ताल में मध्य प्रदेश व्यापमं के पत्र भी मिले हैं।

व्यापमं के माध्यम से नौकरी लगने पर अभ्यर्थियों की मार्कशीट को विवि में जांच के लिए भेजा गया, जो फर्जी थीं। इसके बाद भी उनका सत्यापन कर दिया गया। इसके आधार पर स्नातक और प्रोफेशनल कोर्स के दो दर्जन कर्मचारी चिन्हित किए गए हैं। इनके द्वारा फर्जी सत्यापन किया गया है। रिकॉर्ड में इनके हस्ताक्षर हैं, इन्हें गिरफ्तार करने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है।

अंतिम वर्ष में रिकॉर्ड, प्रथम और द्वितीय में ब्लैंक
सूत्रों के मुताबिक एसआइटी ने सत्यापन के रिकॉर्ड से मार्कशीट की जांच कराई। अंतिम वर्ष के रिकॉर्ड में ब्योरा दर्ज था। इसके बाद उनकी प्रथम और द्वितीय वर्ष की मार्कशीट की जांच की गई। संबंधित कॉलेज में छात्र का नाम ही नहीं था। विभागों में सालों से कर्मचारी एक सीट पर जमे हुए हैं, इसीलिए फर्जीवाड़े का खेल सालों से चल रहा है।

90 दिन से पहले लगाई थी चार्जशीट
विवि के बीएड फर्जीवाड़े में विवि के अधिकारी और कर्मचारियों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। कनिष्ठ सहायक रणवीर सिंह जेल में हैं। सूत्रों के मुताबिक एसआइटी को 90 दिन में चार्जशीट दाखिल करनी थी, इसमें सिर्फ रणवीर सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। अब इस प्रकरण में फरार चल रहे कर्मचारियों और अधिकारियों को गिरफ्तार किया जाएगा।

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