भोपाल। प्रदेश के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के माममले में सरकार के तेवर अब और डीले पड़ गये हैं। सरकार ने दैवेभो कर्मियों को नियमित करने पर पूरी तरह से अमल करने का वादा किया। इस मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई। सरकार को दो वीक की मोहलत ओर भी मिल गयी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी और जस्टिल आर एन अग्रवाल की डबल बैंच में दैवेभो कर्मचारियों की ओर से दायर की गयी अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। राज्य सरकार के वकील अतुल गर्ग ने सरकार द्वारा जारी किया गया आदेश भी पेश किया कर्मचारियों के हित की बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इन्हें नियमित करने के साथ अन्य सुविधायें देना चाहती है। इन्हें नियमित भी कर दें और पेंशन नहीं मिले तो यह उचित नहीं होगा। उन्होंने जुलाई तक के लिये समय मांगा है। मप्र दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी महासंघ की और से पैरवी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के वकील परमानंद पाण्डेय ने कहा कि पहले ही बहुत देर हो चुकी है।
पूरा मामला यह है
दैवेभो कर्मचारियों को नियमित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 21 जनवरी को आदेश दिये थे। आदेश में आठ महीने तक का समय दिया गया था। ऐसा नहीं होने पर कई दैवेभो कर्मचारियों और उनके कुछ संगठनों ने सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। पिछली बार हुई सुनवाई से एक दिन पहले जल संसाधन विभाग ने सौ से ज्यादा कर्मचारियों को नियमित करने के आदेश भी जारी कर दिये थे। इसमें इन कर्मचारियों को 4440-7440 वेतनमान देना दर्शाया गया था। इससे नाखुश कर्मचारियों ने रीवाइज हलफनामे भी पेश किये हैं।