भोपाल। प्रदेश में बसों से सफर करना महंगा हो सकता है। सरकार ने बसों के स्थायी और अस्थाई परमिट की फीस में 10 प्रतिशत से लेकर दोगुना तक बढ़ोतरी की तैयारी की है। परिवहन विभाग ने मोटरयान अधिनियम के नियम में संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट को भेज दिया है। आगामी कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
परिवहन विभाग के सूत्रों का कहना है कि बसों के परमिट की फीस में लंबे समय से वृद्धि नहीं हुई है। इससे राजस्व का नुकसान हो रहा है। इसके मद्देनजर फीस को व्यवहारिक बनाने के लिए मोटरयान अधिनियम के नियम में परिवर्तन करने का सैद्धांतिक फैसला करते हुए कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा गया है।
- ऐसा है प्रस्ताव
- बस ऑपरेटरों को पांच साल का स्थायी परमिट लेने पर डेढ़ हजार रुपए की जगह 10 हजार रुपए फीस देना होगा।
- अस्थाई बस परमिट दोगुना होगा यानी एक माह के परमिट पर साढ़े सात सौ रुपए की फीस डेढ़ हजार रुपए हो जाएगी।
- तीन, चार और छह माह का बस परमिट लेने पर भी दोगुनी फीस चुकानी होगी।
- क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी या राज्य प्राधिकार के फैसले के खिलाफ अपील पर फीस दोगुनी हो जाएगी।
- आरटीओ कार्यालय से कोई प्रमाणित दस्तावेज लेने के लिए भी अधिक फीस चुकानी होगी।
बढ़ जाएगा बस किराया
परिवहन मामलों के जानकारों के अनुसार यदि परमिट शुल्क में बढ़ोतरी होती है तो किराया बोर्ड पर यात्री किराया बढ़ाने का दबाव बन सकता है। अनुमान के तहत सामान्य बसों में 92 पैसे प्रति किमी की जगह 1 स्र्पए और डीलक्स श्रेणी बस में 1.38 स्र्पए प्रति किमी की जगह 1.50 स्र्पए बढ़ सकते हैं, जबकि एसी बसों में 1.68 स्र्पए की जगह 1.75 पैसे प्रति किमी की वृद्धि हो सकती है।