![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg-xFmndM3_n4S88I3Ec-BD168ok9VIlUFCXx-51Vbys7nXktfc8FP_Y6sVPqViOyzq_EkQ3ysamS_vXyilRBxS4maHem456ganwXZQuj_v46bCaz4eWPFYHLo4WopuRDPCJYmaWplfEuI/s1600/55.png)
उन्होंने यहां ‘अयोध्या में श्रीराम मंदिर क्यों और कैसे’ विषय पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं राजीव गांधी को बहुत अच्छी तरह जानता था। अगर वह दोबारा प्रधानमंत्री बनते तो उन्होंने उसी स्थान पर जहां विवादास्पद बाबरी मस्जिद था वहीं राम मंदिर का निर्माण करा दिया होता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने राम मंदिर (बाबरी मस्जिद) का ताला खुलवा दिया था और राम मंदिर के लिए शिलान्यास कार्यक्रम की अनुमति दे दी थी।’’ बीजेपी नेता ने कहा कि राजीव गांधी ने ‘‘रामराज्य की अवधारणा’’ को लागू करना शुरू किया था लेकिन उनके असामयिक निधन से चीजें बदल गईं। स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को अदालत में घसीटा है।
स्वामी ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय में रोजाना आधार पर बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई किए जाने के लिए आम सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
स्वामी ने दावा किया कि उन्होंने मामले में शामिल मुस्लिम नेताओं से प्रस्ताव पर चर्चा की थी और सिद्धांत रूप में वो सहमत भी हो गए थे। हालांकि, जब अदालत में प्रस्ताव का समर्थन करने की बारी आई तो वो ‘चुप’ रह गए। बीजेपी नेता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का आखिरी फैसला अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करेगा। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य मौजूदा साल के आखिर में शुरू हो सकता है।