
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 29 मार्च को रासुका को गैर कानूनी ठहराते हुए उसे रद्द कर दिया था। जिसके बाद आज न्यायमूर्ति आरडी खरे ने अजय राय की जमानत अर्जी मंजूर कर दी।
बताते चलें दशहरा के दौरान गंगा में मूर्ति विसर्जन को लेकर संतों पर लाठीचार्ज के विरोध में विधायक राय के नेतृत्व में 5 अक्टूबर को अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी। यात्रा के दौरान राय पर तोड़फोड़ और मारपीट करने का आरोप था। विधायक पर रासुका लगाने के खिलाफ कांग्रेस ने इस मामले में मोदी और मुलायम की मिलीभगत का आरोप लगाया था। अजय राय का कहना था कि राजनीतिक द्वेष की वजह से उन्हें आपराधिक मामले में फंसाया गया है। तोड़फोड़ और हिंसा में उनकी भूमिका नहीं थी।