भोपाल। हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्रदेश सरकार ने होर्डिंग लगाने और इन पर नियंत्रण के लिए सोमवार को पहली बार नियम जारी किए हैं। इसके तहत प्रदेश के सभी शहरों के स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, चौराहों समेत पार्कों आदि में होर्डिंग या किसी अन्य तरीके से प्रचार नहीं किया जा सकेगा। यही नहीं अब विज्ञापन की लाइसेंस फीस भी जमीन की कीमत के आधार पर तय होगी।
यानी जिन इलाकों की कलेक्टर गाइडलाइन सबसे ज्यादा हैं, वहां लाइसेंस फीस की दर भी ज्यादा रखी गई है। डेढ़ लाख स्र्पए प्रति वर्गमीटर से ज्यादा महंगी जमीन पर सालाना 7.5 प्रतिशत लाइसेंस फीस लगेगी। जबकि बीस हजार रुपए प्रति वर्गमीटर से कम कीमत वाली जमीन पर लाइसेंस फीस महज 0.75 फीसदी देना होगी।
सरकार ने नियमों का प्रकाशन नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग की बेवसाइट पर किया है। लोग अगले 15 दिन तक अपनी आपत्ति व सुझाव ईमेल के जरिए दे सकते हैं। आपत्त्यिों पर सुनवाई के बाद सरकार इन नियमों को लागू कर देगी। 90 दिन के भीतर पुराने होर्डिंग्स, यूनिपोल आदि में इस नियम के तहत परमिशन लेना जरूरी होगा। नगर निगम इन नियमों के हिसाब से शहर में यूनिपोल के स्थानों का चयन कर ऑनलाइन टेंडर बुलाकर विज्ञापन एजेंसियों का चयन करेगी।
यह हैं खास प्रावधान
पांच लाख से ज्यादा आबादी पर सिर्फ यूनिपोल लगेंगे।
कारोबार स्थल पर अपने कारोबार का विज्ञापन लगाने की छूट होगी।
यौन संबंधों व नशे से संबंधित सभी तरह के विज्ञापन पर प्रतिबंध होगा।
अवैध विज्ञापन करने पर रोजाना 50 रुपए प्रति वर्गफुट जुर्माना
अनुमति वाले विज्ञापन में यदि पहली बार नियम तोड़ा जाता है तो 750 रुपए प्रति वर्ग फुट के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। दूसरी बार में एक साल के लिए परमिशन निरस्त की जाएगी। यदि कोई अवैध होर्डिंग या विज्ञापन करता है तो रोजाना 50 रुपए प्रति वर्गफट के हिसाब से जुर्माना लिया जाएगा।
यहां नहीं लगेंगे होर्डिंग
ऐतिहासिक इमारते व हैरिटेज स्थल
धार्मिक स्थल
शमशान घाट व कब्रिस्तान
पार्क, चौराहे, खेल मैदान व हरियाली वाले स्थान
पुलिस स्टेशन