भोपाल। मंडी बामौरा वेअर हाउस घोटाले में अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। सस्पेंड ब्रांच मैनेजर डीके वर्मा ने जांच टीम को दी गई जानकारी में गलती मानते हुए यह कहा है कि रसूखदारों ने उन्हें ब्लैकमेल करके, डरा-धमकाकर यह काम करवाया। मामले की जांच के लिए बनी टीम के अफसरों और रीजनल ऑफिस को पहले ही बहुत कुछ बता दिया था। इसके बावजूद उन्होंने गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने निगम के कुछ अफसरों के नाम तो गिना डाले, लेकिन किसी भी रसूखदार के नाम का जिक्र नहीं किया।
दो पेज की जानकारी में जिक्र किया है कि यह सच है कि कुछ किसानों और व्यापारियों ने अनाज रखे बिना लोन ले लिया। मैंने रीजनल ऑफिस को इस बारे में मौखिक तौर पर बता दिया था। छठवें बिंदु में वर्मा ने कुछ अफसरों आरके राय, पीसी उपाध्याय, नीरज गुप्ता, संग्राम तिवारी के नाम गिनाते हुए कहा कि अनाज रखे बिना और रसीद जमा किए बगैर भुगतान लेने की जानकारी मैने इन्हें दे दी थी।