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ग्वालियर का पलाश अस्पताल सील, लाइसेंस रद्द

ग्वालियर। नवजात शिशुओं की खरीद-फरोख्त के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने पलाश अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर अस्पताल को सील कर दिया है। कलेक्टर से मिले निर्देशों के आधार पर सीएमएचओ ने पलाश मामले की जांच की। जांच के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने पलाश अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के साथ-साथ उसका लायसेंस भी रद्द कर दिया है।

इस कार्रवाई के लिए अस्पताल पर नोटिस चस्पा किया गया है। साथ ही रजिस्टर्ड डाक से भी नोटिस भेजे गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एमसीआई को भी पलाश मामले से जुड़े डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है। सीएमएचओ अनूप कम्ठान ने बताया कि छापा मारने के दौरान पुलिस ने अस्पताल से रजिस्टर जब्त किया है। विभाग ने उसकी सत्यप्रति मांगी है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

क्या है मामला 
महिलाओं और अविवाहिताओं की कोख के सौदा करने का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाएगी। पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंंडाफोड़ किया है, जो बच्चा न चाहने वाली महिलाओं और कुंवारी लड़कियों की कोख का सौदा कर लेता था। बाद में इन बच्चों को निसंतान दंपति को बेच दिया जाता था। बताया जा रहा है कि लड़के को 1.25 लाख रुपए तो लड़की 75 हजार रुपए में बेचा जाता था। डॉक्टरोंं और नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त से जुड़ी यह गैंग ऐसी महिलाओं और कुंवारी लड़कियों की तलाश करती थी, जो बच्चा नहीं चाहती थीं और किसी वजह से अबॉर्शन नहीं करा पाती थीं। ऐसी लड़कियों से एक बाद सौदा तय होने के बाद गिरोह के लोग उनसे लगातार संपर्क बनाकर रखते थे। ऐसे बच्चों को नौ माह भी गर्भ में न रहने देकर सात माह बाद ही प्री-मैच्योर डिलीवरी कराकर उन्हें बेच दिया जाता था। पुलिस ने अस्पताल के सह प्रबंधक अरुण भदौरिया को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह का मास्टर माइंड अस्पताल मालिक टीके गुप्ता फरार है। 

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