नईदिल्ली। यूं तो बाबा रामदेव को कोई योगा टीचर तो कोई अचार पापड़ बेचने वाला बताता है परंतु भाजपा के लिए जमीन तैयार करने वालों में रामदेव एक प्रमुख गैरराजनैतिक नाम है। वो हर उस पार्टी पर हमला करते हैं जिसका संबंध आरएसएस से नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी के पक्ष में माहौल बनाने का काम रामदेव ने खुलेआम किया था। उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार को समय से पहले गिराने में भी रामदेव की महत्वपूर्ण भूमिका है। अब देश के दूसरे सबसे बड़े चुनाव आने वाले हैं लेकिन यूपी चुनाव में बाबा रामदेव सपा सरकार का विरोध नहीं करेंगे और ना ही मोदी के समर्थन में योग शिविरों का आयोजन होगा।
सपा के कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने रामदेव पर ऐसा जाल डाला है कि अब वो चुनाव खत्म होते तक चुप ही रहेंगे। पिछले दिनों उत्तराखंड स्थित पतंजलि योगपीठ में रामदेव से मिलने के लिए बुधवार को यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता शिवपाल यादव पहुंचे थे। शिवपाल के स्वागत के लिए बाबा रामदेव ने खास तैयारी और आयोजन करवाया था।
पहले तो योग गुरु बाबा रामदेव ने पतंजलि में किए जा रहे कामकाम का शिवपाल यादव के सामने बखान किया और फिर बड़ी बारीकी से उन्हें समझाया। इस मौके पर पतंजलि योग पीठ के आचार्यकुलम और गुरुकुलम के छात्रों ने योग के करतबों से वहां मौजूद लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर योग क्रियाओं को दिखाया।
बाबा रामदेव के कामों से प्रभावित होकर शिवपाल यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भी चाहती है कि बाबा बुंदेलखंड की धरती पर कुछ ऐसा करे जैसे पतंजलि को विश्व में एक पहचान मिली है। वैसा ही कुछ काम उनके प्रदेश में भी करे, ताकि बुंदेलखंड की भी कायाकल्प हो जाए। शिवपाल ने योग गुरु को आश्वस्त किया कि उत्तर प्रदेश सरकार योग गुरु की हरसंभव मदद करेगी।
बस अब क्या है। रामदेव यूपी में अपना ब्रांड स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। उन्हें मालूम है भाजपा सरकार आई तो यह लाभ उन्हें नहीं मिलेगा। इसलिए वो यूपी चुनाव में चुप ही रहेंगे।