भोपाल। ग्वालियर में बीते रोज समलैंगिक महिलाओं से परेशान एक युवती ने आत्महत्या कर ली थी। द्रवित कर देने वाला प्रसंग यह है कि उसके परिवारजनों ने सविता का शव लेने से भी इंकार कर दिया। अंतिम संस्कार के लिए कोई नाते रिश्तेदार नहीं था। अंतत: मराठा समाज की जोर्णोद्धार समिति ने अंतिम संस्कार के प्रबंध किए और एक छात्र के पिता ने उसे मुखाग्नि दी।
मुंबई निवासी सविता राणे ग्वालियर के एक निजी स्कूल में अकांउटेंट के पद पर कार्यरत थीं। आरोप है कि दो महिलाओं शुभा श्रीवास्तव और सीमा ने सविता पर समलैंगिक संबंध बनाने का दबाव बनाया, इसलिए उन्होंने 17-18 अप्रैल की रात ग्वालियर के एंबीऐंस होटल में फांसी लगाकर जान दे दी.।
सविता की मौत के बाद पुलिस ने उनके भाई उदय, पिता, पति और पुत्र से संपर्क किया, लेकिन सभी ने सविता का शव लेने से इनकार कर दिया। इस बीच मराठा समाज की जोर्णोद्धार समिति आगे आई और सविता का पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार किया। वहीं, सविता को उनके स्नेही छात्र के पिता ने मुखाग्नि दी।