हैदराबाद। लोन लेने के एक मामले में अदालत में उपस्थित नहीं होने पर केंद्रीय मंत्री वाइएस चौधरी के खिलाफ नामपल्ली की मेट्रोपोलिटन अदालत ने गैरजमानती वारंट जारी किया है।
वाइएस चौधरी तेदेपा के कोटे से केंद्र सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री हैं। मॉरीशस कामर्शियल बैंक लि. ने चौधरी और अन्य को 106 करोड़ रुपये लोन चुकाने में डिफॉल्टर बताते हुए अदालत में आपराधिक मामला दर्ज कराया है। बैंक का कहना है कि उसने हेस्टिया होल्डिंग्स लि. को 100 करोड़ रुपये कर्ज दिया था। यह सुजन यूनिवर्सल इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी है। वाइएस चौधरी सुजन यूनिवर्सल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के गैर कार्यकारी निदेशक हैं। बैंक की शिकायत पर अदालत तीन बार केंद्रीय मंत्री को उपस्थित होने के लिए समन जारी कर चुकी है। लेकिन वह एक बार भी उपस्थित नहीं हुए। इसी के चलते गैरजमानती वारंट जारी किया गया है।