मप्र में नए होमगॉर्ड नियम लागू

भोपाल। मध्य प्रदेश में हर होमगॉर्ड को साल में दस माह की ड्यूटी मिलेगी। इसके लिए जिले में पदस्थ होमगॉर्ड को बराबरी से मौका दिया जाएगा। बाकी दो माह उसे दूसरा काम करने की सशर्त छूट रहेगी। वे इस दौरान ऐसा काम नहीं कर सकते, जिससे विभाग के हितों का टकराव हो। सरकार ने नए होमगॉर्ड नियम लागू कर दिए हैं। इसमें होमगॉर्ड के हड़ताल करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार ने 1947 में बने मध्यप्रांत एवं बरार होमगॉर्ड नियम को निरस्त कर नए नियम बनाए हैं। इसके मुताबिक प्रदेश में 97 कंपनियां रहेंगी।

इनमें 15 हजार 800 सैनिक और 505 गोपनीय सैनिक रहेंगे। 300 गोपनीय सैनिकों की ड्यूटी बालाघाट में लगाई जाएगी। होमगॉर्ड का तबादला दूसरे जिलों में नहीं होगा। यदि वो गृह जिले से बाहर जाना चाहें तो नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। 18 से 28 साल के व्यक्ति को ही होमगॉर्ड में लिया जाएगा। अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 33 साल तक मौका होगा। जवान 41 साल की आयु तक होमगॉर्ड में रह सकेगा। ये प्रावध्ाान अभी है, पर काम के आध्ाार पर इसे बढ़ाया जाता रहा है।

प्रशिक्षण में सफल होने पर होमगॉर्ड को छह माह के लिए रखा जाएगा। सरकार रिजर्व की इस अवध्ाि को एक साल और फिर तीन साल तक विस्तार दे सकती है। काम के आध्ाार पर जिला समीक्षा समिति की सिफारिश्ा पर सेवा विस्तार मिलेगा। होमगॉर्ड की ड्यूटी लगाने के लिए रोस्टर भी तैयार होगा।

ड्यूटी और प्रशिक्षण को छोड़कर होमगॉर्ड को खुद या किसी अन्य व्यवसाय से जुड़ने की छूट रहेगी। दूसरे किसी विभाग में होमगॉर्ड की तैनाती पर विभागों से राशि ली जाएगी। इसमें से 10 फीसदी हिस्सा होमगॉर्ड के केंद्रीय कल्याण कोष में जमा होगा। दूसरे विभाग में काम के दौरान घायल या मृत्यु पर संबंध्ाित विभाग को ही मुआवजा सहित अन्य भुगतान करना होगा।

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