राकेश पांडेय. अध्यापक संवर्ग को 24 दिसंबर 2015 को मान. मुख्यमंत्री ने बम्बई से टीवी चेनल के द्वारा 6वें वेतनमान की घोषणा की थी। जो अप्रेल पेड मई में आडर होकर जनवरी से भुगतान होना है, परन्तु अध्यापको के मध्यस्थ मान. शिव चौबे जी को नवीन जिम्मेदारी मिल जाने से, अध्यापक संवर्ग की मध्यस्थ की जिम्मेदारी से दूर भागते दिख रहै हैं जिससे प्रदेश के अध्यापक आडर जारी नही होने से आंदोलन को बाध्य है।
अब अध्यापक संयुक्त मोर्चा औसत किसी भी माननीय को मध्यस्थ बनाने में 10 बार सोचेगा। ऐसा लगता है मान.मुखयमंत्री जी की 24 दिसंबर को की गई घोषणा भूल चुके है या याद्दाशत कमजोर हो गई है, या प्रदेश के प्रशासनिक अधिकारियों पर उनकी पकड़ अब नही रही। एक ओर जहां मान. मुखयमंत्री शिवराज सिंह जी ने अपनी वेतन विसंगती दूर कर ली, वहीं दूसरी ओर घोषणा कर अध्यापको को भूल गये। कलियुग में राजा पहले अपना पेट भरता है जब उसका पेट भरा रहता है तो उसे ऐसा लगता है कि उसकी प्रजा का पेट भी भरा होगा, परन्तु अपने अधिकारों के लिए एक जुट अधयापक संयुक्त मोर्चा मप्र 1 मई को भोपाल में असंतोष रैली निकालेगा। यदि अधयापको के साथ वेतन विसंगती होती है तो आडर जारी होने के 4 दिन बाद महा आंदोलन की शरूआत होगी होगा, जो अध्यापको का शिक्षा विभाग में संविलियन होने तक नही रूकेगा, और सरकार और अध्यापको के बीच ऐसे मध्यस्थ की कोई आवश्यकता नहीं जो अक्षम्य हो।
मप्र अधयापक संयुक्त मोर्चा
सदस्य राकेश पांडेय
मो.९४७९८६६९८०