भोपाल। सिंहस्थ शुरु होने में अब केवल 9 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन व्यवस्थाएं पर्याप्त नहीं हैं। सरकार का दावा है कि 5 करोड़ श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे। लेकिन निर्माण कार्यों से लेकर स्वास्थ सेवाएं और पानी के इंतजाम अधूरे हैं। मेला क्षेत्र में 31 हजार अस्थाई टॉयलेट बनना है, लेकिन यह काम पूरा नहीं हो पाया है।
सीवरेज लाइन जाम होने पर निर्मित होने वाली आपात स्थिति से निपटने के लिए अन्य नगर निगमों से मशीनें और अमला बुलाया गया है। सड़कों के काम अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। स्वास्थ्य विभाग का अमला उज्जैन पहुंच गया है, लेकिन अस्पतालों में सुविधाएं पर्याप्त नहीं है। वहीं, नगरीय विकास विभाग के पीएस मलय श्रीवास्तव दो अन्य पीएस और आला अफसरों के साथ उज्जैन में हैं। अब पीएस स्वास्थ्य गौरी सिंह और पीडब्ल्यूडी के पीएस प्रमोद अग्रवाल बुधवार को उज्जैन पहुंच रहे हैं।
डॉक्टर्स व स्टाफ के लिए नहीं बने सैटेलाइट टाउन
सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को सेटेलाइट टाउन पर ही इलाज की सुविधा मिल सके, इसके लिए सात सैटेलाइट डिस्पेंसरी शुरू होना है। अब तक एक भी सैटेलाइट डिस्पेंसरी नहीं बन पाई है। प्रदेश के दूसरे जिलों का स्टाफ आ चुका है,उनकी डयूटी भी लगा दी गई है। ऐसे में समस्या यह है कि सैटेलाइट डिस्पेंसरी नहीं बनने से स्टाफ अपनी सेवाएं कैसे देगा। मंगलवार को सीएमएचओ कार्यालय में उपसमिति स्वास्थ्य की बैठक में पहुंचे सिंहस्थ केंद्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह के सामने यह मुद्दा उठा।
- ये काम अधूरे
- पीएचई मेला क्षेत्र में पाइप लाइन का काम पूरा नहीं कर पाई।
- साधु-संतों के पांडालों तक पीने का पानी नहीं पहुंच रहा।
- पीडब्ल्यूडी के सड़कों के काम पूरे नहीं हुए।
- दवाइयां व स्टाफ तैयार तो अस्पतालों में मुलभूत सुविधाएं नहीं।