जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व आदेश की नाफरमानी के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ संभागायुक्त शहडोल डीपी अहिरवार और कलेक्टर अनूपपुर नरेन्द्र सिंह परमार के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर दिए।
सोमवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता अनूपपुर निवासी समाजसेवी नौशाद खान की ओर से अधिवक्ता श्रीमती सुधा गौतम ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि अनूपपुर नगर निगम द्वारा मनमाने तरीके से बिना नगर एवं ग्राम निवेश और रेलवे की अनुमति के नवीन बस स्टैंड का निर्माण किया जा रहा है। इस सिलसिले में पूर्व में जनहित याचिका दायर करके विरोध जताया गया था।
न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन व जस्टिस केके त्रिवेदी की युगलपीठ ने जनहित याचिका का इस निर्देश के साथ निपटारा कर दिया था कि 3 माह के भीतर शिकायत दूर कर दी जाए। जब ऐसा नहीं किया गया तो अवमानना याचिका के जरिए दोबारा हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। ऐसा इसलिए भी क्योंकि स्वयं नगर निगम की नोटशीट में यह तथ्य सामने आया है कि नवीन बस स्टैंड का निर्माण विधिसम्मत नहीं है। इसके बावजूद ऐसा किया जाना सर्वथा अनुचित है।