
सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी 2015 को राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि दैवेभो को 8 माह में नियमित कर दिया जाए, लेकिन सरकार ने निर्देशों का पालन नहीं किया, तो मप्र दैनिक वेतन भोगी महासंघ ने अवमानना याचिका लगा दी। 25 अप्रैल की सुनवाई में सरकार ने दैवेभो को नियमित करने के लिए तीन माह का समय मांगा था और कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब पेश करने को कहा था।
यह समयसीमा 9 मई को पूरी हो रही है। सूत्र बताते हैं कि सामान्य प्रशासन विभाग कोर्ट में पेश करने के लिए जवाब बना रहा है। इसी मामले में मप्र कर्मचारी मंच ने एक और अवमानना याचिका दायर कर दी है। मंच की ओर से वकील वरुण चौपड़ा पैरवी करेंगे। मंच के अध्यक्ष अशोक पाण्डेय ने बताया कि सरकार कोर्ट में सेवा नियम 2013 का हवाला दे रही है, जबकि ये नियम हमारी मांग पूरी नहीं करते हैं।