महाराष्ट्र में सूखे की वजह शनि और साईं पूजा: शंकराचार्य

हरिद्वार। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महिलाएं यदि शनि की पूजा करती हैं तो उनके साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ जाएंगी। शनि और साईं दोनों भगवान नहीं हैं। महाराष्ट्र में शनि और साईं की पूजा होने के कारण ही अकाल की स्थिति पैदा हो गयी है। साथ ही उन्होंने केरल में हुई घटना को दुखद बताया कहा कि आतिशबाजी बनाने के काम मुस्लिम करते है। इसलिए हिन्दू धर्म के त्योहारों में आतिशबाजी नहीं होनी चाहिए।

हरिद्वार में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि सूखा पड़ने का कारण साईं और शनि की पूजा करना ही है।

शंकराचार्य ने कहा कि शिरडी में ही जहां साईं की कब्र है वहीं पर लोग पानी की बूंद बूंद को तरस रहे हैं। यदि साईं में चमत्कार है तो वहां चमत्कार करके दिखाएं। हिन्दूओं को अन्धविश्वाश पर ध्यान नहीं देना चाहिए। आज हर मंदिर में साईं की प्रतिमा रखकर हमारे देवी देवताओं का अपमान किया जा रहा है।

हमारे मंत्रो, ग्रंथ, चालीसा आदि का भी उपहास उड़ाया जा रहा है। हर चालीसा और मंत्रों में साईं का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि साईं के साथ राम का नाम नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शनि और साईं की पूजा न कर उनका विरोध करना चाहिए।

महाराष्ट्र में साईं की नहीं भगवान गणेश की पूजा होनी चाहिये। यदि वहां साईं की पूजा बंद कर गणेश की पूजा शुरू कर दी जाये तो आने वाले साल में वहां वर्षा अवश्य होगी। उन्होंने केरल में हुई घटना को निंदनीय बताया। कहा कि आतिशबाजी बनाने के काम मुस्लिम करते है। इसलिए हिन्दू धर्म के त्योहारों में आतिशबाजी नहीं होनी चाहिए। भविष्य में लोगों को केरल की घटना से सबक लेना चाहिए।

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