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डेमो देखकर फाइनल होंगी कंपनी
जानकारी के अनुसार पुलिस विभाग ने तय किया है कि निजी एजेंसियों को अपने उपकरणों व स्टाफ के साथ डेमो के जरिये फिटनेस टेस्ट का तरीका आदि बताना होगा। इसके लिए टेंडर में यह काम करने की इच्छा जाहिर करने वाली कंपनी को टेंडर के दस दिन पहले ग्राउंड में डेमो टेस्ट पास करना होगा। यहां जो कंपनी पुलिस के मापदंडों पर खरा उतर पाएगी उसे ही टेंडर प्रक्रिया में निरंतर रखा जाएगा।
कोई संशय न रहे
खुद उपकरण खरीदकर फिजिकल टेस्ट करने के फैसले को अचानक बदल कर पूरी प्रक्रिया को ही निजी हाथों में सौंपने के पीछे पुलिस विभाग की मंशा किसी भी संशय को खत्म करने की है। वहीं इसके पीछे एक अन्य वजह ये भी देखी जा रही है कि हाईटेक उपकरणों को खरीदने के बाद उसके रखरखाव और उन्हें इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग अलग से पुलिसकर्मियों को देनी पड़ती। जिसमें समय और पैसा दोनों ही खर्च होता। जबकि निजी एजेंसी को जिम्मा देने के बाद ये समस्या नहीं होगी। साथ ही पुलिस पर भेदभाव या सिफारिश मानने के आरोप नहीं लग सकेंगे।
जैसा कि श्री धर्मेंद्र सिंह छाबई, एआईजी चयन/भर्ती प्रक्रिया ने बताया।