पुणे। सुनने में जरूर अटपटा लगेगा, लेकिन ऐसा ही हुआ है। खुदरा मंडी में जहां सब्जी विक्रेता किलो आधा किलो में ही कई रुपये सीधे कर लेता है, वहीं एक किसान को टन भर प्याज बेचने पर महज एक रुपये की कमाई हुई। किसानों की दुर्दशा का इससे बढ़िया नमूना शायद ही सुनने और देखने को मिले।
महाराष्ट्र के किसानों ने सूखे के बावजूद प्याज की बंपर फसल पैदा की है। अब किसानों को इसे औने-पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है। सुध लेने वाला कोई नहीं है। जबकि राज्य से सूखे के कारण कई जगहों पर किसानों की आत्महत्या की खबरें आ रही हैं। किसान देवीदास परभने की आपबीती सुनकर चौंक जाएंगे। उन पर पांच सदस्यों वाले परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी है। किस तरह टन भर प्याज बेचकर उनके हाथ सिर्फ एक रुपया आया, इसका पूरा गणित उन्होंने समझाया।
देवीदास के अनुसार, उन्होंने दो एकड़ जमीन में प्याज की खेती की। इस पर उन्होंने 80 हजार रुपये खर्च किए। हुआ यह कि 10 मई को उन्होंने पुणे की मंडी में 18 बोरों में भरकर 952 किलो प्याज भेजा। उन्हें 16 रुपये प्रति 10 किलो प्याज के हिसाब से भुगतान हुआ। इस तरह कुल प्याज के बदले उन्हें 1,523.20 रुपये मिले। इसमें से देवीदास ने बिचौलिये की कमीशन 91.35 रुपये, पल्लेदारी 77.55 रुपये और 33 रुपये अन्य खर्चों में दिए। प्याज को मंडी तक पहुंचाने के लिए ट्रक ड्राइवर को 1320 रुपये अदा किए। इसके बाद उनके पास केवल 1 रुपया आया। उन्हें बताया गया कि प्याज की कीमतों में तेज गिरावट के कारण उन्हें कम भुगतान किया गया है। देवीदास को उम्मीद थी कि उन्हें प्रति किलो तीन रुपये मिलेंगे। लेकिन, सौदा होने के बाद जब हिसाब-किताब लगाया तो बहुत दुखी हुए।
देवीदास बोले, "चार महीनों तक मैंने फसल की देखरेख की। बिजली न होने के बावजूद डीजल इंजन के जरिये सिंचाई की। मुनाफा तो छोड़िये, पैदावार पर खर्च को निकालना भी दूभर है।"