इंदौर। शहर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल महाराजा यशवंत अस्पताल में दो बच्चों को ऑक्सीजन की जगह बेहोश करने वाली गैस दे दी गई। जिससे एक बच्चे की मौत हो गई और दूसरे की हालत गंभीर है। इस मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग के टेक्निशियन के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है।
एमवाय अस्पताल के नाम से मशहूर इस अस्पताल के नव निर्मित 'मॉड्यूलर पेडियाट्रिक ऑपरेशन थियटर' में शुक्रवार और शनिवार को दो बच्चों के ऑपरेशन हुए थे। खंडवा निवासी गणेश के आठ वर्षीय बेटे आयुष को शुक्रवार को ऑपरेशन थिएटर में ऑपरेशन से पहले ऑक्सीजन का मास्क लगाया गया लेकिन ऑपरेशन के दौरान ही उसकी मौत हो गई। इसी तरह शनिवार को जावरा निवासी बालाराम के डेढ़ वर्षीय बेटे राजवीर की भी ऑपरेशन के दौरान हालत बिगड़ गई और अब वह वेंटिलेटर पर है। दो दिनों में दो बच्चों की हालत बिगड़ने और एक की मौत होने पर डॉक्टरों को कुछ शक हुआ। इसके बाद जांच करने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ।
संयोगितागंज थाना के प्रभारी ओएस भदौरिया ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में बच्चों को ऑक्सीजन के स्थान पर बेहोश करने वाली गैस (नाइट्रस ऑक्साइड) दी गई। अस्पताल प्रबंधन की ओर से की गई शिकायत पर ऑपरेशन थिएटर में पाइप लाइन बिछाने वाले ठेकेदार राजेंद्र चौधरी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ लापरवाही और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। उधर ठेकेदार चौधरी खुद को बेकसूर मानते हैं. उनका कहना कहना है कि पाइप लाइन बिछाना उनका काम था, लेकिन गैस की आपूर्ति तो अस्पताल प्रशासन सुनिश्चित करता है।
अस्पताल के प्रभारी डा. सुमित शुक्ला ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में माना कि पाइपलाइन से ऑपरेशन थिएटर में ऑक्सीजन गैस आती है लेकिन जांच में पता चला है कि ऑक्सीजन और नाइट्रस ऑक्साइड गैस की पाइपलाइन में बदलाव हुआ था। इससे बच्चों की तबियत बिगड़ी। ओटी को सील कर दिया गया है और प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।