राजेश शुक्ला/अनूपपुर। वर्ष 2013 में अनूपपुर पुलिस भर्ती में पात्र पाए गए आरक्षक रविराज सिंह के मेडिकल को लेकर तत्कालीन रक्षित निरीक्षक विजयकांत शुक्ला द्वारा रुपयों की मांग की गई थी। पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक से की गई थी। 3 वर्ष तक चली जांच और अपचारी, गवाह एवं विभागीय जांच के पश्चात शहडोल रेंज के आईजी डीके आर्य ने आरोपी विजयकांत शुक्ला की पदावनति (डिमोशन) करते हुए विजयकांत शुक्ला को एक वर्ष के लिए सूबेदार बनाया। वहीं पूरे मामले में दो आरक्षक राजेश बंसल एवं गुरू प्रसाद चतुर्वेदी निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले को लेकर अक्टूबर 2015 में खबर भी प्रकाशित की थी।
यह है मामला
वर्ष 2013 में पुलिस भर्ती के दौरान नव आरक्षक रविराज सिंह के शारीरिक मापदंड को लेकर तत्कालीन रक्षित निरीक्षक विजयकांत शुक्ला ने आपत्ति दर्ज कराते हुए अपात्र कराने का प्रयास किया था जिसके बाद रविराज सिंह का तीन बार मेडिकल हुआ और अन्तत: रीवा में कराए गए मेडिकल के पश्चात रविराज पात्र पाया गया। विजयकांत शुक्ला द्वारा रविराज सिंह से 40 हजार रुपयों की मांग भी की गई थी।
सोशल मीडिया में वायरल हुआ था ऑडियो
रक्षित निरीक्षक ने आरक्षक रविराज सिंह से रुपए लेने के लिए दूसरे आरक्षक को जरिया बनाया था। जिसमें वह मोबाइल पर आरक्षक को रुपए लेने के गुर सिखा रहा था। यह बाते आरक्षक ने रिकार्ड कर ली थी। जिसमें रिश्वत लेने के मामले में विजयकांत शुक्ला हमेशा असंतुष्ट रहने की बात कह रहे थे। साथ ही दूसरे कर्मचारियों के नाम पर भी रुपए लेने को कहते हुए एसआरसी बाबू, एडीशनल एसपी तथा बाबुओ के नाम पर रुपए लेने की बात का आडियो वायरल हुआ था जो महीनों तक सोशल मीडिया में छाया रहा।