
इस साल बारहवीं की परीक्षा देने गई थी तो परिवार और शिक्षकों की सिर्फ एक ही नसीहत याद रखी कि अपनी मेहनत पूरी झोंक देना। बस इसी का नतीजा था कि अभावों से जूझते गांव के छोटे से स्कूल में शिवानी ने 85 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया।
यह कहानी अकेली शिवानी की नहीं बल्कि बारहवीं में पढ़ने वाली मोना पटेल, दीपक मुकाती, तुलसी गोवर्धन, गोकुल चंदेल, अनिकेत पटेल सहित कई बच्चों की है जो इस समय सफलता के शिखर पर हैं।