सुमेधा/इंदौर। खड़ोनिया गांव की दसवीं कक्षा की शिवानी पटेल सुबह 5 बजे उठकर माता-पिता के साथ खेत में काम करने जाती है। 10 बजे साइकिल से अपने गांव से 8 किलोमीटर दूर उबड़-खाबड़ रास्ता पार कर अटाहेड़ा के सरकारी स्कूल पहुंचती है। यहां दिनभर जो पढ़ाया जाता है, उसे ध्यान से सुनती समझती है। शाम 5 बजे फिर घर जाकर खेती में जुट जाती। इसके बाद गांव में लाइट हुई तो होमवर्क करती, वरना फिर अगली सुबह का इंतजार...।
इस साल बारहवीं की परीक्षा देने गई थी तो परिवार और शिक्षकों की सिर्फ एक ही नसीहत याद रखी कि अपनी मेहनत पूरी झोंक देना। बस इसी का नतीजा था कि अभावों से जूझते गांव के छोटे से स्कूल में शिवानी ने 85 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया।
यह कहानी अकेली शिवानी की नहीं बल्कि बारहवीं में पढ़ने वाली मोना पटेल, दीपक मुकाती, तुलसी गोवर्धन, गोकुल चंदेल, अनिकेत पटेल सहित कई बच्चों की है जो इस समय सफलता के शिखर पर हैं।