
पढऩे की जगह एक दरी, शिवानी छठे स्थान पर
अलवर शहर में राजस्थान एकेडमी सीनियर सैकण्डरी स्कूल अलवर की छात्रा शिवानी प्रजापत ने 93.60 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रदेश में छठा स्थान पाया है। शिवानी के पिता तेजराम प्रजापत रिक्शा चलाते हैं। पिछले 15 सालों से परिवार शहर के एनईबी में किराए के एक कमरे में रह रहा है। परिवार में तीन भाई-बहिन व माता-पिता हैं। तेजराम हर माह 2400 रुपए मकान किराया देने के बाद बड़ी मुश्किल से घर खर्च चला पाते हैं। शिवानी भी बीमार रहती है। मैरिट में आने के बाद शिवानी ने कहा कि बड़ों का आशीर्वाद हो तो बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त करना आसान है। उसे घर में इतनी ही जगह मिली कि एक दरी बिछाकर पढ़ाई हो जाए।
आईएएस के साथ अच्छा नागरिक बनना
शिवानी का कहना है कि नियमित चार से पांच घण्टे मेहनत कर यह मुकाम मिला है। मैरिट में आने की उम्मीद भी थी। वे अपनी सफलता का श्रेय माता-संतरा देवी व पिता तेजराम के अलावा स्कूल की मैडम सुनीता बेदी व सर सतीश को देती हैं। उसका कहना है कि इन बड़ों के आशीर्वाद से ही सफलता मिली है। कठिन मेहनत ही सफलता का मार्ग है। भविष्य में आईएएस बनने से पहले एक अच्छा नागरिक बनकर जीने को प्राथमिकता बताया। खुद की सफलता के बाद शिवानी गरीब वर्ग की छात्राओं को आगे बढ़ाना चाहती है। उसने दसवीं में 89.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे।
गरीबी में कोई बोलता भी नहीं
बातचीत के दौरान शिवानी एक बार भावुक भी हो गई। जब उसने कहा कि हम गरीब हैं। मम्मी पापा मूल गांव छोड़े करीब 14 साल हो गए हैं। कभी-कभार अपने मूल गांव पड़ीसल जाते हैं तो वहां कोई प्यार से नहीं बोलता है। उसकी एक ही वजह है गरीबी।