
मालूम हो कि कॉन्स्टेबल के 14 हजार 283 पद के लिए चयन परीक्षा 2016 आयोजित की गई है। इसमें आरक्षित वर्ग को छोड़कर देशभर के अभ्यर्थियों से आवेदन मंगवाए गए हैं, जिसे लेकर प्रदेश के कई शहरों में युवाओं ने हंगामा किया। प्रदेश के अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे मध्यप्रदेश के युवाओं को मिलने वाला मौका छीना जा रहा है, जो गलत है।
मंत्री लगातार कर रहे है विरोध
गृहमंत्री शुरू से ही इस नियम को बदलने की बात कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी नियमों का हवाला दे रहे हैं। पहले भी चयन एवं भर्ती विभाग की एडीजी प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव विरोध के बीच कह चुकी हैं कि भर्ती नियम में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और पुलिस विभाग की सीधी भर्ती के संवर्गों में की जाने वाली भर्ती पूर्णत: मध्यप्रदेश शासन के नियमों के अनुरूप है और उधा न्यायालय द्वारा साल 2006 में दिए गए निर्णय के अनुसार ही है।
12 सालों से इन्हीं नियमों से भर्ती हो रही है: डीजीपी
डीजीपी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि गृहमंत्री के पत्र का वे जवाब दे रहे हैं। डीजीपी के अनुसार पिछले 12 सालों से इन्हीं नियमों के तहत भर्तियां की जा रही हैं, इसे लेकर इतना विवाद क्यों किया जा रहा है ये समझ के परे है। नियमों में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।