
गुरुवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व अनुराग कुमार श्रीवास्तव की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता बहोरीबंद कटनी निवासी जमीला बहना का पक्ष अधिवक्ता श्रीमती सुधा गौतम ने रखा। उन्होंने दलील दी कि डीएड की काउंसिलिंग में शामिल न करके एक साल खराब किया गया। बेवजह मामले को आय, जाति प्रमाणपत्र आदि के जाल में उलझाकर हक मारा गया। इस वजह से जमीला को मानसिक पीड़ा हुई। इसीलिए हाईकोर्ट ने संवेदनशीलता का परिचय देकर शिक्षा विभाग पर एक लाख का हर्जाना ठोंका था। इसके बावजूद अब तक राशि का भुगतान नहीं किया गया। इसीलिए अवमानना याचिका लगानी पड़ी।