जबलपुर। नागरिक उपभोक्ता मागदर्शक मंच के डॉ.पीजी नाजपांडे ने आरोप लगाया कि LANCO AMARKANTAK POWER PLANT ने बिना किसी कारण MP POWER TRADING COMPANY के साथ करार रद्द किया। बाद में ऊंची दरों पर 629.60 करोड़ की बिजली खुले बाजार में बेची। इस उत्पादन में कंपनी को महज 162.10 करोड़ का खर्चा आया। जबकि मुनाफा 467.50 करोड़ का हुआ। इस घोटाले में मप्र के दो मंत्री भी हिस्सेदार थे। जिसकी जांच लोकायुक्त को करनी चाहिए।
डॉ. नाजपांडे ने घोटाले से जुड़े मत्रियों के नाम उजागर नहीं किए लेकिन दावा किया कि उन्होंने लोकायुक्त जस्टिस पीपी नावलेकर को इस (LANCO ELECTRIC SCAM) संबंध में पत्र भेजकर जानकारी दी है।
अफसरों का भी नाम
डॉ. पीजी नाजपांडे का दावा है कि लेंकों कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर उसके साथ कोई भी व्यवसाय नहीं करने का फैसला 14 फरवरी 2012 को लिया गया। किंतु कुछ ही महीनों बाद अचानक उसी ब्लैक लिस्टेड कंपनी से ऊंचे दरों पर बिजली खरीदी की गई। करोड़ों के इस घपले में 5 बड़े अधिकारी शामिल हैं। जिसमें अधिकारी वर्तमान में पदस्थ है। उपभोक्ता मंच के मनीष शर्मा, राममिलन शर्मा, कैलाश पटेल ने बताया कि 12 अप्रैल 2016 को हाईकोर्ट के निर्देश पर उपभोक्ता मंच ने शपथ पत्र के साथ शिकायत लोकायुक्त को दी।