भोपाल। मप्र में अफसरशाही की बेलगामी देखिए। मंत्री को बिना बताए 200 करोड़ के काम बांट दिए गए। मंत्री को जब पता चला तो वो आग बबूला हो उठे। उन्होंने अफसरों की खिंचाई की और तमाम डीटेल्स तत्काल प्रस्तुत करने के आदेश दिए। मामला कृषि विभाग का है और मंत्री हैं गौरीशंकर बिसेन।
कृषि मंत्री बिसेन ने समीक्षा बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त प्रेमचंद मीना से कहा कि उन्हें बताये बिना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत दो सौ करोड़ रुपये के काम कैसे बांट दिये गए। उन्हें सभी कामों की सूची उपलब्ध कराई जाए। एपीसी ने तत्काल यह मामला संचालक कृषि मोहनलाल मीना को सौंप दिया।
इन्हें बांटे गये काम:
कृषि विभाग की एक कमेटी मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत दो सौ करोड़ के काम विभिन्न विभागों को देने के लिए 16 मार्च को मंत्रालय में बैठक हुई थी। बैठक में कामों की सूची पर मुहर लगाई गई लेकिन मंत्री को इसकी खबर नहीं लगी। विभाग ने मुख्य रूप से कृषि अभियांत्रिकी संचालक को, पशुपालन कार्य हेतु, मत्स्य पालन और जबलपुर कृषि विश्वविद्यालय को काम दिये हैं। 200 करोड़ की राशि खासतौर पर गोदाम निर्माण, भवन निर्माण, मछली पालन और बीज टेस्टिंग लैब के लिए उपकरण क्रय करने के लिए खर्च की जाएगी।