---------

मप्र फीस रेग्यूलेशन एक्ट-2016 तैयार, आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार

भोपाल। प्राइवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण के लिए सरकार एक्ट ला रही है। इसमें तीन लाख रुपए के जुर्माने से जेल की सजा तक का प्रावधान होगा। कोई भी स्कूल अब 10 फीसदी से ज्यादा पैसा नहीं बढ़ा पाएंगे। इस 10 फीसदी को भी क्यों बढ़ाया जा रहा है, उन्हें ब्यौरा देना होगा। इसी तरह कक्षा एक में पढ़ने वाले छात्रों के 20 फीसदी पैरेंट्स ने फीस व अन्य मामलों को लेकर शिकायत कर दी तो प्रबंधन पर सीधे कार्रवाई होगी।

राज्य सरकार ने 30 जुलाई 2015 को फीस के संबंध में जो गाइडलाइन जारी की है, उसे भी इसमें शामिल किया जा रहा है। एक्ट को ‘मप्र फीस रेग्यूलेशन एक्ट-2016’ कहा जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग ने इसका ड्रॉफ्ट तकरीबन तैयार कर लिया है, जिसे सामान्य प्रशासन विभाग और विधि विभाग को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा। चूंकि जुलाई से इसे लागू करना है, इसलिए परीक्षण फिर सीनियर सेक्रेटरी की मीटिंग, फिर कैबिनेट में लाया जाएगा। एक्ट में संभाग से लेकर राज्य स्तर पर एक कमेटी का प्रावधान रखा गया, जिसे स्कूलों पर कार्रवाई का अधिकार दिया जाएगा।

इन प्रावधानों से करेंगे नियंत्रण
डोनेशन या एक्स्ट्रा चार्जेज की शिकायत पर स्कूल को न केवल एक्सेस फीस लौटानी पड़ेगी, बल्कि स्कूल की फीस का फिक्सेशन दोबारा किया जाएगा
एडमिशन के समय बच्चों की स्क्रीनिंग नहीं की जा सकेगी।
हर स्कूल को सालाना वित्तीय प्रबंधन का ऑडिट कराकर रिटर्न देना होगा।

प्रस्तावित एक्ट में कमियां भी
दूसरे राज्यों ने कमेटी के अध्यक्ष पद पर रिटायर्ड हाइकोर्ट के जज को बिठाया है। इससे कमेटी के निर्णयों में सख्ती है।
जुर्माने की राशि 5 से 10 लाख रुपए तक है।
वर्तमान में जिन स्कूलों में अनाप-शनाप फीस ली जा रही है, उसे कम करने का एक्ट में कोई जिक्र नहीं है।
जो स्कूल हॉर्स राइडिंग, स्वीमिंग या अन्य सुविधाओं के नाम पर पैसा ले रहे हैं, उन्हें कैसे रोका जाएगा?

आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!
$("#merobloggingtips-before-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#before-ad")) }), $("#merobloggingtips-after-ad .widget").each(function () { var e = $(this); e.length && e.appendTo($("#after-ad")) });