सामान्य ज्ञान भाग 25 (गौतम बुद्ध: 31 महत्वपूर्ण तथ्य)

सबसे बडा न्यूज पोर्टल भोपाल समाचार अपने नियमित पाठको के विशेष आग्रह पर सप्ताह में एक दिन इतिहास से संबंधित सामान्य जानकारी संक्षिप्त रुप में प्रकाशित की जा रही है। इसमें और परिवर्तन किया जाये। पाठकगण अपने विचार एवं सुझाव भोपाल समाचार की इमेंल पर भेज सकते है। 

सामान्य ज्ञान 
1- बौद्धधर्म के संस्थापक गौतमबौद्ध थे। इन्हे एशिया का ज्योति पुंज कहा जाता है।
2- गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई0 पू0 में कपिलवस्तु के लुम्बनी नामक स्थान पर हुआ था।
3- गौतमबुद्ध के पिता शाक्य गण के मुखिया थे।
4- गौतमबुद्ध की माता मायादेवी की मृत्यु इनके जन्म कें सातवें दिन नही हो गई थी। इनका लालन पालन इनकी सौतेली माॅ प्रजापति गौतमी ने किया था।
5- गौतमबुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था।
6-गौतमबुद्ध का विवाह 16 वर्ष की अवस्था में यशोधरा के साथ हुआ था। इनके पुत्र का नाम राहुल था।
7-सिद्धार्थ जब कपिलवस्तु की सैर पर निकले तो उन्होने निम्न चार दृश्यो को क्रमशः देखा - 1 बूढा व्यक्ति, 2 एक बीमार ब्यक्ति, 3 शव एवं 4 एक संन्यासी
8-संसारिक समास्याओं से व्यथित होकर सिद्धार्थ ने 29 वर्ष की अवस्था में ग्रह त्याग किया, जिसे बौद्धधर्म में महाभिनिष्क्रमण कहा गया है।
9- ग्रह त्याग करने के बाद सिद्धार्थ बुद्ध ने वैशाली के आलारकलाम से सांख्य दर्शन की शिक्षा ग्रहण की। आलारकलाम सिद्धार्थ के प्रथम गुरु हुये। 
10- आलारकलाम के बाद सिद्धार्थ ने राजगीर के रुद्रकरामपुत्र से शिक्षा ग्रहण की।
11- उरुवेला में सिद्धार्थ को कौण्डिन्य, वप्पा, भादिया, महानामा, एवं अस्सागी नामक पाॅच साधक मिले। 
12- बिना अन्न जल ग्रहण किये। 6 बर्ष की कठिन तपास्या के बाद 35 वर्ष की आयु में बैशाख की पूर्णिमा की रात निरंजना फल्गु नदी के किनारे पीपल वृक्ष के नीचे सिद्धार्थ को ज्ञान प्राप्त हुआ।
13- ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ बुद्ध के नाम से जाने गये। वह स्थान बोधगया कहलाया।
14- बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ ऋषिपतनम में दिया, जिसे बौद्ध ग्रंथो में धर्मचक्र  प्रवर्तन कहा गया।
15- बुद्ध ने अपना उपदेश जनसाधारण  की भाषा पालि में दिये।
16- बुद्ध ने अपने उपदेश कोशल, बैशाली, कौशाम्बी, एवं अन्य राज्यो में दिये।
17- बुद्ध ने अपने सर्वाधिक उपदेश कोशल देश की राजधानी श्रावस्ती में दिये।
18- इनके प्रमुख अनुयायी शासक थे- बिम्बिसार, प्रसेनजित, तथा उदयन,
19- बुद्ध की मृत्यु 80 बर्ष की अवस्था में 483 ई0 पू0 में कुशीनारा  देवरिया, उत्तर प्रदेश, में चुन्द द्रारा अर्पित भोजन करने के बाद हो गयी, जिसे बौद्धधर्म में महापरिनिर्वाण कहा गया है। 
20- मल्लो ने अत्यन्त सम्मानपूर्वक बुद्ध का अन्त्येष्टि संस्कार किया।
21- एक अनुश्रुति के अनुसार मृत्यु के बाद बुद्ध के शरीर के अवशेषो को आठ भागो में बांटकर उन पर आठ स्तूपो का निर्माण कराया गया।
22- बुद्ध के जन्म एवं मृत्यु की तिथि को चीनी परम्परा के कैन्टोन अभिलेख के आधार पर निश्चित किया गया है। 
23- बौद्धधर्म के बारे में हमें विशद ज्ञान पाली त्रिपिटक से प्राप्त होता है।
24- बौद्धधर्म मूलतः अनीश्वरवादी है। इसमें आत्मा की परिकल्पना  भी नही है।
25- बौद्धधर्म में पुनर्जन्म की मान्यता है।
26- तृष्णा को क्षीण हो जाने की अवस्था को ही बुद्ध ने निवार्ण कहा है। 
27- विश्व दुखो से भरा है, का सिद्धांत बुद्ध ने उपनिषद् से लिया है।
28- बुद्ध के अनुयायी दो भागो में विभाजित थे- 1 भिक्षुक बौद्धधर्म के प्रचार के लिये जिन्होने संन्यास ग्रहण किया, उन्हे भिक्षुक कहा गया। 2 उपासक ग्रहस्थ जीवन व्यतीत करते हुये। बौद्धधर्म अपनाने वालो को उपासक कहा गया ।
29- बौद्धधर्म में सम्मिलित होने के लिये न्यूनतम आयु सीमा 15 बर्ष थी।
30- बौद्धसंघ में प्रविष्टि होने को उपसम्दा कहा जाता है।
31-बौद्धधर्म के त्रिरत्न है- बुद्ध, धम्म एवं संघ। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!