
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार मामले में बाबा और गुरुजी नाम सामने आए हैं। पता चला है कि शिवहरे सॉल्वर और अभ्यर्थियों का जुगाड़ करता था, उसके बाद बाबा और गुरुजी को रिपोर्ट करता था। सीटों की व्यवस्था और कहां, कैसे परीक्षा दिलाई जाएगी, परीक्षा के दौरान कहां-कहां सेटिंग की जाएगी, आदि की जिम्मेदारी बाबा और गुरुजी की होती थी। दोनों की मध्य प्रदेश के शासन में अच्छी पैठ बताई जाती है।
कई बार ये लखनऊ और प्रदेश के कई हिस्सों में भी शिवहरे के साथ जा चुके हैं। मामले में उप्र एसटीएफ की टीमों ने जांच शुरू कर दी है। उधर रमेश शिवहरे को ट्रांजिट रिमांड पर ले गई सीबीआइ ने भी पूछताछ शुरू कर दी, जिसकी जानकारियां एसटीएफ से साझा कर रही है।
अब इस मामले में बाबा और गुरूजी की तलाश की जा रही है। बड़ा सवाल यही है कि ये बाबा और गुरूजी हैं कौन, क्या व्यापमं मामले में पहले ही जेल जा चुके हैं या अब तक बचे हुए हैं।