
इस फैसले को एक साल हो जाने के बाद भी प्रदेश सरकार ने इन कर्मचारियो का नियमितीकरण नही किया। जिसे लेकर न्यायालय कि अवमानना का मामला दर्ज कराया गया। साथ ही सूप्रीम कोर्ट मे नियमितीकरण कि मांग को लेकर याचिका भी दायर कि गई। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि आगामी 9 मई को इस मामले पर सुनवाई होगी।
यदि प्रदेश सरकार ने कोर्ट के दिये आदेश पर अमल नही किया तो कर्मचारी आरपार कि लड़ाई लड़ने के लिए अमादा होगे। उन्होने कहा इस न्यायिक लड़ाई के दौरान प्रदेश मे सात हजार कर्मचारी सेवानिवृत हुए है जिन्हे सरकार से मिलने वाले लाभ से वंचित रखा गया है। संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार आगामी 9 मई तक सरकार ने मांगे नही मानी तो प्रदेश के 48 हजार परिवार राजधानी कि सड़को पर आंदोलन कर विरोध-प्रदर्शन करेगें।