भोपाल। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले की अदालत ने रिश्वत लेने के मामले में क्लर्क को दोषी करार देते हुए चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
मामला 19 सितंबर 2014 का है। जब जिले के ठेमी थाना इलाके में कापखेड़ा-छीतापार गांव के के सोबरन सिंह लोधी ने आदिम जाति कल्याण विभाग में सब्सिडी के लिए विभाग को आवेदन दिया था। जहां विभाग के सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी खारक सिंह विश्वकर्मा ने हितग्राही सोबरन से सब्सिडी का आवेदन आगे बढ़ाने के एवज में 10 हजार रुपए की मांग की थी।
उस दौरान फरियादी सोबरन सिंह की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने खारक सिंह विश्वकर्मा को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों धर-दबोचा और उसके खिलाफ धारा 7, 13 (1) डी सहपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया। विवेचना के बाद मंगलवार को अपर सत्र और लोकायुक्त मामलों के विशेष न्यायाधीश ने आरोप सिद्ध होने पर उसे 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।