नई दिल्ली। पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ. अब्दुल कादिर खान के दिल्ली को पांच मिनट में निशाना बनाने संबंधी बयान पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई। भारतीय रणनीतिकारों के समुदाय और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने पाक को याद दिलाया कि भारत के पास पूरे पाकिस्तान को निशाना बनाने की क्षमता है, लेकिन भारत उनकी तरह नहीं सोचता।
दरअसल पाकिस्तान में पहले परमाणु परीक्षण की 18वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कादिर खान ने शनिवार को बेहद विवादित बयान दिया था। कादिर ने कहा था कि पाकिस्तान में इतना सामर्थ्य है कि वह रावलपिंडी के करीब स्थित कहुटा से दिल्ली को पांच मिनट में निशाना बना सकता है। कहुटा में ही कहुटा रिसर्च लैबोरेटरी (केआरएल) है, जहां परमाणु बम बनाने के लिए जरूरी यूरेनियम का संशोधन किया जाता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने 1998 में अपना पहला परमाणु परीक्षण कादिर खान की ही देखरेख में किया था।
कादिर ने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान 1984 में ही परमाणु संपन्न राष्ट्र बन गया होता, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल जियाउल हक ने इसका विरोध किया था। 80 वर्षीय कादिर के मुताबिक 1978 से 1988 तक राष्ट्रपति रहे जनरल जिया को लगता था कि परमाणु परीक्षण करने की स्थिति में दुनिया पाकिस्तान में सैन्य हस्तक्षेप कर सकती है। इसके अलावा पाकिस्तान को मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय सहायता के भी खत्म होने का खतरा था। इन्हीं सब वजहों से जनरल जिया ने परीक्षण करने की अनुमति नहीं दी।