
उज्जैन में दोपहर तक मौसम का मिजाज ठीक था, लेकिन शाम 4 बजते ही बादल छाने लगे और थोड़ी देर बाद भारी बारिश शुरू हो गई। अचानक शुरू हुई बारिश से सारे इंतजाम गड़बड़ा गए। कई क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई। कुछ पंडाल गिर गए। दत्त अखाड़ा क्षेत्र और चिंतामण क्षेत्र में पंडाल गिरने से छह लोगों की मौत हुई है। कई जगह ओले भी गिरे। एक घंटे से ज्यादा वक्त तक हुई बारिश के दौरान पंडाल गिरने से कई घायल हो गए। मेला क्षेत्र का बड़ा हिस्सा गांव की कच्ची जमीन पर बसाया गया है। इस वजह से तेज बारिश के चलते मेला क्षेत्र में ज्यादा नुकसान पहुंचा।
पंचक्रोशी यात्रियों का जत्था है उज्जैन में
उज्जैन में इस वक्त पंचक्रोशी यात्रियों के जत्थों का आना शुरू हो गया है। 6 मई को अमावस्या पर सिंहस्थ में पर्व स्नान होना है। इसमें 15 लाख पंचक्रोशी यात्रियों सहित 25 लाख से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है। गुरुवार शाम हुई तेज बारिश से प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है। पहले ही कई मामलों में साधु-संतों का विरोध झेल रहे प्रशासन के सामने बारिश ने नई चुनौती खड़ी कर दी। कुछ जगह साधु संतों के पंडाल और अखाड़ों में रखी गाड़ियां कीचड़ में धंस गईं। इन्हें निकालना मुश्किल हो गया। सिंहस्थ में बारिश का ये संभवतः पहला मौका है। मेला प्रशासन ने बारिश के हिसाब से कोई तैयारी नहीं की थी। इसलिए व्यवस्थाएं गड़बड़ा गईं। कुछ साधु-संत इस बारिश को चांडाल योग का नतीजा भी बता रहे हैं।