नईदिल्ली। भारत की लोकप्रिय गाड़ियों में से एक स्कॉर्पियो सहित सात कारें क्रैश टेस्ट में फेल हो गई हैं। इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल क्रैश टेस्टिंग एजेंसी न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम (NCAP) ने भारत के सात पैसेंजर व्हीकल्स को जीरो रेटिंग दिया है। सबसे ज्यादा चिंताजनक बात यह है कि ये कारें महज 64 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में भी क्रैश टेस्ट फेल हुई हैं। मतलब यह कि यदि आपकी कार 65 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से किसी वाहन या दीवार से टकराती है तो वह क्रेश हो जाएगी। उसमें बैठे यात्रियों की जिंदगी खतरे में है।
- इसमें शामिल हैं
- CELERIO BY MARUTI SUZUKI INDIA
- ECO VAN HATCHBACK
- SCORPIO by MAHINDRA AND MAHINDRA
- KWID BY RENO
- EON BY HYUNDAI
- SWIFT HATCHBACK by MARUTI SUZUKI
- DATSUN GO HATCHBACK by NISSAN
क्रैश के बाद सभी सातों गाड़ियां ने वयस्कों के लिए तैयार किए गए सुरक्षा मानकों पर बुरी तरह असफल साबित हुईं। इन सभी गाड़ियों को जीरो स्टार रेटिंग दी गई है।
पिछले तीन साल में एनसीएपी 16 गाड़ियों का क्रैश टेस्ट कर चुका है, जिनमें से टोयोटा और फॉक्सवागन की सिर्फ दो गाड़ियों ने वयस्कों के लिए सुरक्षा के लिहाज से चार स्टार रेटिंग मिला है। अभी जिन 7 गाड़ियों का टेस्ट किया गया, उनमें से छह गाड़ियों ने बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से दो स्टार रेटिंग और मारुति सेलेरियो ने एक स्टार रेटिंग पाई है।
VEHICLE SAFETY TESTING AGENCY भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम चैप्टर पर काम कर रही है, जिसे जल्द ही पेश किया जाएगा। चौथे सेट का टेस्ट के रिजल्ट का ऐलान अगस्त में किया जाएगा। मालूम हो कि मारुति सुजुकी की स्विफ्ट हैचबैक और निसान की डैटसन गो हैचबैक पहले ही क्रैश टेस्ट में फेल हो चुकी है। इन कारों को न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम ने जीरो रेटिंग दिया था।
ये कारें पहले ही बेकार घोषित