नईदिल्ली। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की ओर से अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप रोड करने की मांग के बाद इतिहास को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। वीके सिंह से पहले भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और फिर बुधवार को शायना एनसी ने भी इस मांग को दोहराया। शायना एनसी ने तो अकबर की तुलना हिटलर की कर दी और इजरायल का उदाहरण भी दे दिया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'कोई देश हमारी तरह अत्याचारी शासकों का सम्मान नहीं करता।”
पिछले साल दिल्ली में औरंगजेब रोड का नाम बदलकर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया था। उस समय भाजपा सांसद महेश गिरी ने यह मांग रखी थी। जिसे तुरंत मान लिया गया था। कहा गया था कि औरंगजेब क्रूर शासक था और उसके बजाय कलाम पर सड़क का नाम रखना उचित है लेकिन मुगल जो भारतीय इतिहास का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। उनकी बनाई कई ऐतिहासिक इमारतें उनके योगदान को दर्शाती है। इसके अलावा देश के छह लाख शहरों ओर गांवों में से 704 के नाम पहले छह मुगल शासकों के नाम पर है। ये नाम बाबर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब पर है।
1526 में पानीपत की लड़ाई के बाद मुगल राज की स्थापना हुई। हालांकि बीच में 14 साल के लिए शेरशाह सूरी का शासन भी रहा। अकबर के नाम पर देश में 251 गांवों के नाम हैं। उत्तर प्रदेश में 396 गांवों के नाम मुगल शासकों पर हैं। ये नाम हैं अकबरपुर, औरंगाबाद, हुमायूंपुर और बाबरपुर है। इनके अलावा अकबर निवास खांडरिका और दामोदरपुर शाहजहां भी है। पूरे देश में लगभग 70 अकबरपुर, 63 औरंगाबाद है। सबसे मशहूर औरंगाबाद महाराष्ट्र में है। शिवसेना और भाजपा नेता इसका नाम भी बदलने की मांग करते हैं।
देश में बाबर के नाम पर 61, हुमायूं के नाम पर 11, अकबर के नाम पर 251, जहांगीर के नाम पर 141, शाहजहां के नाम पर 63 और औरंगजेब के नाम पर 177 गांव या शहर है। इसमें 392 उत्तर प्रदेश, 97 बिहार, 50 महाराष्ट्र, 38 हरियाणा, 9 आंध्र प्रदेश, 3 छत्तीसगढ़, 12 गुजरात, 4 जम्मू कश्मीर, 3 दिल्ली, 22 मध्य प्रदेश, 27 पंजाब, 4 ओडिशा, 9 पश्चिम बंगाल, 13 उत्तराखंड और 20 राजस्थान में हैं।