कहते हैं ना भगवान के घर देर होती है अंधेर नहीं। ऐसा ही कुछ चंड़ीगढ़ में देखने को मिला। 46 साल से निसंतान रहे दंपत्ति को संतान सुख मिला। किसी दंपति के लिए संतान सुख से बड़ा कोई सुख नहीं होता। लोग इसे भगवान के वरदान की तरह मानते है।
चंड़ीगढ़ की रहने वाली एक 72 वर्षीय महिला ने काफी लंबे इंतजार के बाद एक बेटे को जन्म दिया। हालांकि इस उम्र में ये किसी चमत्कार से कम नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि मां बच्चा दोनों स्वस्थ है।
दरअसल शादी के 46 साल बाद भी 79 वर्षीय मोहिंदर सिंह गिल और उनकी पत्नी दलजिंदर कौर को कोई संतान ना थी। उसके बाद उन्होंने इन-विट्रो ( एक तरीके का मेडिकल प्रोसेस) से संतान को जन्म देने का फैसला किया।
ये लोग पिछले दो साल से लगातार इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन इन्हें सफलता नहीं मिली। तीसरी बार डॉक्टर सफल रहे और मोहिंदर सिंह गिल के यहां किलकारिया गूंजने लगीं। हिसार के नेशनल फर्टिलिटी एंड टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर के डॉ. अनुराग बिश्नोई उनका इलाज कर रहे थे।
परिवार में बच्चे के आ जाने से जश्न का माहौल है दंपती ने बच्चे का नाम अरमान रखा है। दलजिंदर कौर ने कहा कि हमने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी थी। हमें उम्मीद थी कभी ना कभी हमें ये सुख जरूर मिलेगा। मैंने लोगों की परवाह कभी नहीं की बस आगे बढ़ती रही।